स्वतंत्र है मेरा भारत
पर क्या स्वतंत्र है यहाँ के लोग
किसी को भ्रस्ताचार ने मारा तो
किसी को भूख ने
कोई धर्म के नाम पर लड़े तो
कोई लड़े रुपयों के लिए
भाई भाई को कटे
घर को बना दे शमशान
फिर भी लोग शान से कहते है
ये है मेरा है भारत महान
याद करो उन बलिदानों को
जिन्होंने किया अपना सर्वस्वा
अपने मातृभूमि के नाम
वे न लड़े रुपयों के लिए
ना लड़े पैसो के लिएम
ना लड़े वे जाती धर्म के लिये
वे लड़े तो बस एक शांति पूर्ण भारतवर्ष के लिये
क्या यही है उनके सपनो का भारत
स्वंत्रता के ६३ वर्षो बाद भी
क्या है स्वतंत्र मेरा भारत?
पुछो पूछो अपने ह्रदय से पूछो
लाखो बच्चे भूखे सोते
भ्रस्ताचार के गुण तो हम
गा गा कर रोते
लाखो लोग घूमते बिना कम के
बहकावे में आकर बन जाते है
मातृभूमि के भक्षक बड़े शान से
प्रशासन ही करता जा रहा है कुशासन
कभी खादी करे घोटाला तो
कभी खाखी बन जाये जिम्मेदार
इस देश को बनाने में शमशान
फिर भी लोग शान से कहते है
ये है मेरा भारत महान
पुछ पूछ कर थक गया मै
स्वतंत्र है मेरा भारत पर क्या स्वतंत्र है
यहाँ के लोग
ITS MY FIRST POEM WHICH WAS GIVEN TO MY PRINCIPAL MAM SO I DIDNT MAKE ANY CHANGE IN TO IT
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